उत्तरकाशी। भैया दूज के अवसर पर आज यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के धार्मिक परंपरानुसार शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यमुनोत्री धाम में आज तड़के से ही विशेष पूजा-अभिषेक का क्रम जारी रहा और अभिजीत मुहूर्त में अपराह्न 12.05 बजे मंदिर के कपाट बंद कर यमुना जी की भोग मूर्ति को डोली में बिठाकर भाई शनिदेव समेश्वर महाराज की अगुवाई में खरसाली गांव के लिए रवाना किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन कपाटबंदी और डोली यात्रा का साक्षी बनने के लिए यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। ।
यमुना जी की भोग मूर्ति शीतकाल के लिए खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी और श्रद्धालुजन यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने तक खरसाली स्थित मंदिर में यमुना जी का दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
इस अवसर पर विधायक संजय डोभाल, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश प्रसाद उनियाल सहित मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी व तीर्थ पुरोहितों के साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
इस साल का यात्राकाल पिछले साल की तुलना में तीस दिन कम होने के बावजूद इन दोनों धामों में इस बार श्रद्धालुओं की दैनिक औसत संख्या 713 बढी है। समान अवधि की तुलना करने पर भी इस बार दोनों धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में लगभग डेढ लाख की वृद्धि हुई है। इस साल गत 10 मई 2024 को कपाट खुलने के बाद 177 दिनों के अवधि के बाद गंगोत्री के कपाट गत दिन बंद हुए हैं। आज 178 दिनों के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस प्रकार पिछले साल यात्रा की अवधि इस बार से तीस दिन अधिक थी। इस वर्ष इन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कुल 1530028 तीर्थयात्रियों का पदार्पण हुआ और इन दोनेां धामों में यात्रियों का दैनिक औसत 8620 रहा है। इस प्रकार इस साल जिले में प्रतिदिन औसतन 713 यात्री अधिक आए हैं।
चारधाम यात्रा के सुचारू, सुरक्षित और सुव्यवस्थित संचालन के फलस्वरूप इस बार जिले में अवस्थित दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। शुरूआती दौर में भारी भीड़ उमड़ आने के कारण सामने आई चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करते हुए प्रशासन के द्वारा यात्रा का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया गया। जिसके चलते इस बार अधिक यात्रियों की आमद के साथ यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। मानसून काल में सड़कों को सुचारू बनाए रखने के लिए संवेदनशील जगहों पर बड़ी संख्या में मशीनों व अन्य संसाधनों की तैनाती करने के फलस्वरूप इस बार यात्रा बाधित नहीं हुई। प्रशासन के द्वारा यात्री सुविधाओं और सुरक्षा को प्रमुखता दिए जाने के कारण यात्रा मार्गों पर दुर्घटनाओं की घटनाएं भी इस बार काफी कम रही और कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में चारधाम यात्रा को सकुशल व सफलतापूर्वक संपन्न कराने में विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही मंदिर समिति के पदाधिकारियों, तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय नागरिकों, यात्रा व्यवसायों से जुड़े लोगों, घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी संचालकों, होटल-होम स्टे-रेस्टोंरेट संचालकों, आश्रमों व भंडारों के व्यवस्थापकों, परिवहन सेवा प्रदाताओं, सुरक्षा व्यवस्था व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्मिकों, मीडिया कर्मियों सहित तमाम लोगों द्वारा प्रदान किए गए सहयोग हेतु आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि आगामी चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम, सुरक्षित व सुव्यवस्थित ढंग से संपादित करने के लिए यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों को प्रतिबद्धता से प्रयासरत रहना होगा और अगली यात्रा की तैयारियों में अभी से जुटना होगा।