देहरादून: दून में रविवार को पर्यावरण प्रेमियों ने पदयात्रा निकाली। दिलाराम चौक से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर कटने वाले पेड़ों को बचाने की अपनी मुहिम के तहत यह यात्रा निकाली।
पैदल मार्च दिलाराम बाजार से कैंट रोड स्थित सेंट्रियो माल तक निकाला गया। विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग पद यात्रा में शामिल हुए। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ ना काटने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले खलंगा क्षेत्र में जलाशय के निर्माण में पेड़ों के कटान से भी सरकार कदम खींच चुकी है। ऐसे में पर्यावरण प्रेमियों का संघर्ष तो काम आया, लेकिन उनका कहना है कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई। देहरादून में और भी कई जगह पेड़ों की बलि देने की योजना है। इसलिए संघर्ष को जारी रखा जाएगा। रविवार सुबह करीब सात बजे से दिलाराम बाजार पर पर्यावरण प्रेमी एकत्र हुए। इसके बाद पंक्तिबद्ध होकर दिलाराम चौक से सेंट्रियो माल तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान पर्यावरण प्रमियों के हाथ में नारे लिखी तख्तियां थी। इनमें पर्यावरण बचाओ-कंक्रीट हटाओ सहित अन्य नारे लिखे थे। पैदल मार्च के बाद एक जनसभा भी आयोजित की गई। साथ ही सतीश धौलखंडी, त्रिलोचन भट्ट, जयदीप सकलानी ने जनगीत गाए।
इस दौरान सिटीजंस फार ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि यह पदयात्रा नेताओं, नीति नियंताओं के साथ ही आम जनमानस को भी जागरूक करने का प्रयास है। यह दून घाटी के पर्यावरण को सुरक्षित रखने और बचाने की जंग है। विकास की प्रक्रिया में आमजन के हितों और पर्यावरण का ध्यान रखना अनिवार्य है।
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि ये लंबी लड़ाई है। खलंगा व कैंट रोड पर जनदबाव के कारण कदम वापस लिए गए है, लेकिन अभी विकास के नाम पर कई हज़ार पेड़ कटने प्रस्तावित हैं। बल्लुपुर से पांवटा साहिब, आशारोड़ी से झाझरा, भानियावाला से ऋषिकेश और सुद्धोवाला से मसूरी के लिए बनने वाले मार्गों पर काटे जाने वाले हजारों पेड़ पौधों को बचाने का आह्वाहन उन्होंने किया। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने कहा कि गर्मियों में ऐसा पहली बार हुआ, जब देहरादून का तापमान तीन बार 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा। लगातार 13 दिन तक तापमान 40 डिग्री के पार रहा। क्योंकि सड़क या अन्य निर्माण के चलते बड़े पैमाने पर पेड़ों की बली दी जा रही है। पेड़ों को बचाएं, अन्यथा आने वाले वर्षों में 50 डिग्री तक गर्मी झेलने के लिए तैयार रहें।
सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन मेंदीरत्ता ने कहा कि वर्षों पहले देहरादून का एक अलग स्वरूप था। जहां गर्मी का अहसास नही होता था। आज विकास के नाम पर पेड़ों को काटकर बड़े-बड़े माल, बहुमंजिला इमारतें खड़ी की जा रही हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हुआ है। साथ ही बिजली, पानी, सीवर, सड़क जाम जैसी समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। कार्यक्रम के अंत में ऋतु चटर्जी ने पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिलवाई। संचालन ईरा चौहान ने किया।
इस दौरान विजय भट्ट, तन्मय ममगाईं, हिमांशु चौहान, अभिजय नेगी, जया सिंह, कमला पंत, रश्मि सहगल, रुचि सिंह, अरंजिका, राधा बोस, हरि ओम पाली, मुकेश नौटियाल, अनिल जग्गी सहित आरटीआइ क्लब, ,सिटीजंस फार ग्रीन दून, दून सिटिजन फोरम, फ्रेंड्स आफ दून, संयुक्त नागरिक संगठन, एसएफआइ, एसडीसी फाउंडेशन, धाद, बीटीडीटी, आर्यन ग्रुप के सदस्य उपस्थित रहे।