देहरादून। उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा छोटे और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास के लिए नाबार्ड ने इस वर्ष चालीस हजार करोड़ रूपये की ऋण योजना तैयार की है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में साढ़े तैतीस प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे छोटे किसानों तथा छोटे व मझौले उद्योगों में लगे लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने आह्वान किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऋण आवंटन हेतु विशेष अभियान चलाया जाए। ऋण जरूरतमंद लोगों को आसानी से मिल सके, इसके लिए बेहतर व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नाबार्ड के तत्वावधान में एक स्थानीय होटल में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टेट फोकस पालिसी पेपर 2024-25 का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि इस ऋण व्यवस्था की सही निगरानी भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऋण, लोन या क्रेडिट को जरूरतमंद और योग्य लोगों तक सरलता से पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। बैंकों को ध्यान देना होगा कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ऋण सम्बन्धित औपचारिकताओं के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड पर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की महिलाओं हेतु विशेष योजना प्रारंभ करें ताकि महिलाओं को भी इन योजनाओं का अधिक लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने टिहरी जिले की लाभार्थी महिलाओं से संवाद किया। उनके द्वारा बताया गया कि सशक्त बहना उत्सव योजना से विपणन में उन्हें काफी मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की योजनाओं के लिए बैंकों से ऋण लेने के लिए सरलीकरण होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि जो लोग वास्तव में कुछ करना चाहते हैं वे कई बार लोन लेने से वंचित रह जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर्स पलायन की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है, बैंक भी इस कार्य में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की ऋण योजना के आवंटन के लिए प्रत्येक बैंक ब्रांच को एक निश्चित टारगेट के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों का विकास जरूरी है, यह हमारे रिवर्स पलायन मिशन के लिए भी अति आवश्यक है। राज्य सरकार लगातार ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं, सड़क, कनेक्टिविटी आदि को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि रूद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी ऋण की कमी वाले जिले हैं। इन तीन जिलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पीएम- किसान सम्मान निधि स्कीम के 7.60 लाख लाभार्थी हैं और 6.89 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आम लोगों के लिए भी सब्सिडी, क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं, और ब्याज अनुदान जैसे योजनाओं को लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बैंक राज्य के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाने के लिए एक विशेष कैम्पेन चलाएं जिससे ऋण का लाभ किसानों तक समय से पहुंच सके।