1-‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ योजना की शर्तों में संशोधन किये जाने का निर्णय। उक्त अधिनियम के अंतर्गत सृजित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को भी माफ किया जाना प्रस्तावित है। योजना का अधिक से अधिक व्यापारियों द्वारा लाभ लिए जाने के दृष्टिगत योजना की कतिपय बिन्दुओं में संशोधन के साथ योजना की अवधि पुनः अग्रेत्तर तीन माह बढ़ाने का अधिकार सचिव, वित्त उत्तराखण्ड शासन को दिये जाने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी।
2- राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत / रिक्त पदों के सापेक्ष नितान्त अस्थायी व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु संविदा शिक्षकों की तैनाती किये जाने का निर्णय लिया गया। इसमें विभिन्न विषयों (कुल 11 विषय) में रिक्त चल रहे कुल 25 संविदा शिक्षकों की नियुक्ति राज्य के रोजगार प्रयाग पोर्टल के जरिए की जाएगी।
3- ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० को समाप्त किये जाने का निर्णय। भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वर्ष, 2015 में ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० का गठन मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून तथा उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, देहरादून को सम्मिलित करते हुए किया गया था। वर्तमान में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून, शहरी विकास विभाग एवं नगर निगम देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से कम्पनी एक्ट, 2013 के अन्तर्गत देहरादून स्मार्ट सिटी लि० का पंजीकरण किया गया है, जो देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। उक्त के दृष्टिगत स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु पूर्व में गठित ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० की प्रासंगिकता नहीं होने के कारण ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० कम्पनी को समाप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
4- राज्य में प्रचलित नजूल नीति, 2021 के प्रभावी / लागू रहने की अवधि बढ़ाये जाने संबंधी निर्णय।नजूल नीति, 2021 के प्रभावी / लागू रहने की समाप्ति की अवधि को दिनांकः 11.12.2023 से बढ़ाते हुए, जब तक कि राज्य में प्रस्तावित ‘उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण अधिनियम, 2021’ के अन्तर्गत नियमावली प्रख्यापित नहीं हो जाती है, तब तक, उक्त नजूल नीति यथावत प्रभावी / लागू रहेगी।
5- उत्तराखण्ड आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग, समूह ‘क’ सेवा नियमावली, 2011 (यथा संशोधित) में अग्रेत्तर संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय।
6- गौलापार (हल्द्वानी) में मा० उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु प्रस्तावित स्थल के आस-पास के क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किये जाने के संबंध में निर्णय। नैनीताल शहर की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं नैनीताल शहर पर बढते अतिरिक्त दबाव को दृष्टिगत रखते हुए हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र की 26.08 हेक्टेयर भूमि में मा० उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। चिन्हित क्षेत्र के आस-पास अनियमित एवं अनधिकृत निर्माण को रोकने हेतु गौलापार (हल्द्वानी), जनपद-नैनीताल में प्रस्तावित स्थल के क्षेत्र को, महायोजना बनने तक फ्रीज जोन घोषित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
7- पेराई सत्र 2023-24 हेतु प्रदेश की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को बैंको से ऋण लिये जाने हेतु शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय। राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को पेराई सत्र में गन्ना किसानों के ससमय गन्ना मूल्य भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा शासकीय प्रत्याभूति प्रदान की जाती है। इसलिए पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी राज्य सरकार द्वारा राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों डोईवाला, किच्छा, नादेही व बाजपुर हेतु कुल रू० 409.47 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया।
8- श्री केदारनाथ धाम एराइवल प्लाजा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अति विशिष्ट प्रकार की ओम कलाकृति का स्ट्रक्चर Brass धातु का बनाया गया है। कार्य में एकरूपता बनाये रखने के दृष्टिगत उक्त ओम मूर्ति के पैडस्टल का निर्माण कार्य Infine Art Ventures, Vadodara, Gujrat से कराये जाने की अनुमति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।
9- श्री बद्रीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती के पदों पर संविलियन नियमावली, 2023 को प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।
10-उत्तराखण्ड राज्य के छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक करते हुये निकटवर्ती नगर निकाय में सम्मिलित किये जाने अथवा पृथक नगर निकाय बनाये जाने के संबंध में निर्णय। छावनी परिषद क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक किये जाने से छावनी परिषदः क्षेत्रान्तर्गत निवासरत नागरिकों को भूमि हस्तांतरण, भवन निर्माण, आवागमन इत्यादि समस्याओं का सामना करना पडता है। छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक किये जाने पर नागरिकों भूमि हस्तांतरण, भवन निर्माण, आवागमन इत्यादि की आम जनमानस के समान सुविधा प्राप्त होगी।
11- हरिद्वार एवं ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना को संचालित किये जाने तथा गठित एस०पी०वी० को निरस्त / स्थानांतरित किये जाने के संबंध में निर्णय।