नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत लाभार्थियों की पहचान और निगरानी को और अधिक पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा ‘आवास प्लस 2024 मोबाइल ऐप’ और AI/ML तकनीक आधारित निरीक्षण प्रणाली शुरू की गई है।
यह जानकारी हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा लोकसभा के मानसून सत्र में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने अपने लिखित उत्तर में दी। उन्होंने आवास प्लस 2024’ ऐप की प्रमुख विशेषताएं साझा की जिसमें ई-केवाईसी फेस प्रमाणीकरण द्वारा लाभार्थियों की वास्तविक पहचान। स्व-सर्वेक्षण सुविधा के माध्यम से पात्र परिवार स्वयं अपना विवरण दर्ज कर सकते हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड, जिससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐप की पहुंच सुनिश्चित हो सके। जियो-टैग्ड और टाइम-स्टैम्प्ड फोटो अपलोड, जिससे आवास की स्थिति की प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके और आवास सखी ऐप के माध्यम से योजना की जानकारी और सहायता एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध हो पाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के माध्यम से अब मकानों की वास्तविकता जांचना और फर्जीवाड़ा रोकना अधिक सटीक और तेज हो गया है। इसके अलावा AI तकनीक मकान की तस्वीरों में पक्की दीवार, छत, खिड़की, दरवाजा, लोगो आदि की पहचान कर सही तस्वीरों की अनुशंसा करती है। निरीक्षण की गई तस्वीरों की तुलना आस-पास के अन्य मकानों से कर समानता स्कोर के आधार पर गड़बड़ी की पहचान की जाती है और लाभार्थियों की पहचान हेतु आई-ब्लिंक और मोशन डिटेक्शन जैसी आधुनिक तकनीक का प्रयोग इसके द्वारा किया जाएगा।
सांसद त्रिवेन्द्र रावत के कहा कि पीएम आवास योजना ग्रामीण अब केवल मकान निर्माण की योजना नहीं, बल्कि तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता का प्रतीक बन रही है। ‘आवास प्लस 2024’ और AI-आधारित निगरानी प्रणाली से उत्तराखंड जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में योजना की गुणवत्ता और विश्वसनीयता दोनों में सुधार होगा। यह पहल गांव-गांव तक तकनीकी सशक्तिकरण की मिसाल है।