*उत्तराखंड में बिजली उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार का जवाब
नई दिल्ली। उत्तराखंड में बिजली उत्पादन और उसकी खपत को हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा लोकसभा के मानसून सत्र में बिजली उत्पादन संबंधित पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक ने अपने लिखित उत्तर में विस्तृत जानकारी दी।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि 2025-26 के लिए उत्तराखंड राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य 16,625 मिलियन यूनिट (MU) तय किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड ने कुल 2,267 MU बिजली खरीदी और 561 MU बेची, जिससे 1,706 MU का शुद्ध लाभ हुआ। वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 10,831 MU क्रय और 3,995 MU विक्रय रहा, जिससे 6,836 MU का शुद्ध लाभ हुआ और 2025-26 में अनुमान है कि राज्य को 1,761 MU बिजली खरीदनी पड़ेगी जबकि 10,986 MU बेचनी होगी, जिससे -9,225 MU का शुद्ध घाटा दर्शाया गया है।
श्री श्रीपद नाइक ने बताया कि उत्तराखंड में चार प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं, जिनसे आने वाले वर्षों में राज्य की ऊर्जा क्षमता को नई गति मिलेगी: इन योजनाओं में
• विश्णुगाड पीपलकोटी (444 MW) – चमोली, अलकनंदा/धौलीगंगा नदी पर (2026-27)
• तपावन विश्णुगाड (520 MW) – चमोली, धौलीगंगा/अलकनंदा पर (2028-29)
• लखवार बहुउद्देशीय परियोजना (300 MW) – देहरादून/टिहरी गढ़वाल, यमुना नदी पर (2031-32)
• टिहरी पंप स्टोरेज स्टेशन (500 MW) – टिहरी गढ़वाल, भागीरथी/भिलंगना पर (2025-26)
आगे उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) द्वारा 266 MW क्षमता की बेड़ी सिंचाई प्रणाली (BISPS) और 61.25 MW अन्य परियोजनाओं को अगले तीन वर्षों में शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
सांसद त्रिवेन्द्र रावत कहा कि यह जवाब स्पष्ट करता है कि उत्तराखंड देश की ऊर्जा आपूर्ति में अहम योगदान दे रहा है। आने वाले वर्षों में नई जलविद्युत परियोजनाएँ न केवल राज्य की जरूरतें पूरी करेंगी बल्कि उत्तराखंड को ‘ऊर्जा प्रदेश’ बनाने में सहायक होंगी। हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि राज्य की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सहयोग और वित्तीय मदद सुनिश्चित की जाए।