देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने धराली, हर्षिल और पौड़ी आपदा के पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दी जा रही 5 लाख रुपये की मदद प्रभावित परिवारों के लिए पर्याप्त नहीं है और यह “कटे पर नमक छिड़कने जैसी है।”
डॉ. रावत ने कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि आपदा पीड़ितों को वर्तमान महंगाई और परिस्थितियों के मद्देनज़र वास्तविक राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि आपदा में अपनों को खोने वाले परिवारों को कम से कम 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। वहीं गंभीर रूप से घायलों को दी जाने वाली मदद को 74 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
पूर्व मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन का वर्तमान बजट 1012 करोड़ रुपये है, जो प्रदेश की जरूरत के हिसाब से काफी कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड जैसे आपदा-प्रवण राज्य में यह बजट कम से कम 4000 करोड़ रुपये होना चाहिए, ताकि सड़कों, भवनों, खेत-खलिहान और निजी संपत्तियों की क्षति की भरपाई की जा सके।
डॉ. रावत ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब आपदा राहत का पूरा बजट केंद्र से आता था। आज केंद्र को 90 प्रतिशत और राज्य को केवल 10 प्रतिशत हिस्सा वहन करना पड़ता है। उनका कहना है कि इसे फिर से शत-प्रतिशत केंद्र प्रायोजित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि धराली आपदा पीड़ितों की आर्थिक मदद केदारनाथ आपदा की तर्ज पर दी जानी चाहिए। ताकि प्रभावित परिवारों को वास्तविक राहत मिल सके और उन्हें न्याय प्राप्त हो।
डॉ. रावत ने यह भी जोर देकर कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए पर्याप्त बजट और सही वितरण नीतियां लागू न होने से प्रदेश के लोग बार-बार बड़ी आपदाओं में संकट का सामना करते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि आपदा पीड़ितों के लिए जल्द से जल्द उचित राहत और मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।