एफडीए ने हरिद्वार और ऋषिकेश में सात औषधि विक्रेता प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की
देहरादून: उत्तराखंड में नकली और घटिया गुणवत्ता की दवाओं के खिलाफ अभियान चला रही खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की क्विक रिस्पांस टीमों ने गुरुवार को हरिद्वार और ऋषिकेश में सात औषधि विक्रेता प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। इस दौरान चार जन औषधि केंद्र और एक अन्य प्रतिष्ठान पर गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर इनके क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई। साथ ही उनके लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। जबकि दो अन्य प्रतिष्ठानों पर भी दवा की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
एफडीए आयुक्त डा. आर राजेश कुमार के निर्देश पर गठित क्विक रिस्पांस टीमों ने हरिद्वार के ज्वालापुर, कनखल और ऋषिकेश के नेपाली फार्म क्षेत्र में औषधि विक्रेताओं का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि संबंधित प्रतिष्ठानों में औषधियों का भंडारण, बिलिंग प्रक्रिया, रिकार्ड संधारण एवं लाइसेंस शर्तों का गंभीर रूप से उल्लंघन हो रहा था। इन खामियों को देखते हुए ज्वालापुर एवं कनखल स्थित चार जन औषधि केंद्रों और एक अन्य औषधि विक्रेता प्रतिष्ठान पर खरीद-बिक्री पर रोक लगाते हुए उनके लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति की गई है।
इसके साथ ही, ऋषिकेश के नेपाली फार्म क्षेत्र में स्थित दो अन्य प्रतिष्ठानों पर भी औषधियों के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई है और उनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इस कार्रवाई में सहायक औषधि नियंत्रक डा. सुधीर कुमार के नेतृत्व में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती, औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, विनोद जगुड़ी, हरीश सिंह, निधि रतूड़ी काला और मेघा शामिल रहे।
अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ अभियान और तेज़ किया जाएगा। नकली, घटिया या नियम विरुद्ध दवाओं के कारोबार पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।