आपदा के तुरंत बाद 15 मिनट में संभाला सेना ने मोर्चा
100 जवानों की टुकड़ी ने शुरू किया बचाव अभियान
देहरादून। उत्तरकाशी के धराली गांव में आपदा से राहत व बचाव कार्य में आज से चिनूक और एमआई-17 हेलीकाप्टर भी जुटेंगे।
सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि बुधवार से वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकाप्टर भी अभियान में जुट जाएंगे। इनकी मदद से दुर्गम इलाकों में फंसे लोगों तक राहत सामग्री, दवाएं और इंजीनियरिंग उपकरण पहुंचाए जाएंगे। साथ ही ज़रूरत पड़ने पर घायलों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जाएगा।
सेना का उद्देश्य: हर जान की सुरक्षा, हर पीड़ित तक मदद
लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा कि सेना का एक ही उद्देश्य है, हर जान की रक्षा और हर पीड़ित तक मदद पहुंचाना। उन्होंने कहा कि सेना की टीम हर चुनौती से पार पाने को तैयार है और संकट की इस घड़ी में हर उत्तराखंडी के साथ खड़ी है।
उत्तराखंड के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में जब भी प्राकृतिक आपदा आती है, सेना अपनी तत्परता व जज्बे से हर बार नई मिसाल गढ़ती है। मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना एक बार फिर इसका प्रमाण बनी। घटना की सूचना मिलते ही हर्षिल क्षेत्र में तैनात सेना की यूनिट ने मात्र 15 मिनट में मोर्चा संभाल लिया और रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया।
सेना की आइबेक्स ब्रिगेड (माउंटेन ब्रिगेड) ने न सिर्फ तेजी से राहत कार्य शुरू किया, बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए घायलों को मौके पर प्राथमिक उपचार और सुरक्षित निकासी भी सुनिश्चित की। इस आपरेशन में करीब 100 जवानों की टीम तैनात की गई है। घटना स्थल का इलाका बेहद दुर्गम और जोखिम भरा है। लेकिन इसके बावजूद सेना ने अपने इंजीनियरिंग उपकरण, मेडिकल यूनिट और सर्च टीमों के साथ पूरे इलाके में राहत कार्यों की कमान संभाली।
आइबेक्स ब्रिगेड कमांडर स्वयं कर रहे निगरानी
आइबेक्स ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लन स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उनकी अगुवाई में जवानों ने रातभर सर्च लाइट की मदद से बचाव कार्य जारी रखा। ब्रिगेड के डाक्टर घायलों को मौके पर ही इलाज दे रहे हैं और गंभीर मरीजों को आगे के इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है।