2000 किमी: शौर्य की यात्रा पर निकला सेना का काफिला
कारगिल के शहीदों को समर्पित भारतीय सेना का विशेष अभियान
आपरेशन सिंदूर की वीरगाथा करेंगे साझा, युवाओं को करेंगे प्रेरित
देदेहरादून। भारतीय सेना का इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल अभियान-2 शुक्रवार को देहरादून से शुरू हो गया। इस 13 दिवसीय बाइक अभियान को मध्य कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इससे पहले उन्होंने अभियान दल के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने टीम लीडर को औपचारिक रूप से अभियान ध्वज भी सौंपा। यह अभियान दो हजार किलोमीटर से अधिक की दुर्गम हिमालयी यात्रा तय करेगा। साथ ही उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देगा जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस अवसर पर उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी इन सी ले जनरल डीजी मिश्रा, उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल एमपीएस गिल, 9 माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर एमएस ढिल्लो, 288 मीडियम रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मौसम कुमार, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक (इंफ्रा) ले कमांडर दीपक खंडूरी सहित इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड और रायल एनफील्ड के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
वीरता और प्रेरणा का संदेश
सेना का यह अनूठा प्रयास सिर्फ रोमांच तक सीमित नहीं है। इसका मकसद कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन करने के साथ-साथ हालिया आपरेशन सिंदूर की सफलता को जन-जन तक पहुंचाना है। यह अभियान युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होकर देशसेवा के लिए प्रेरित करेगा। रास्ते में दल स्कूल, कालेजों और गांवों में पहुंचकर छात्रों से संवाद करेगा और सेना की वीरगाथाएं साझा करेगा।
दुर्गम पहाड़ी रास्तों से गुजरेगा काफिला
25 बाइकों के इस दल की यात्रा देहरादून से शुरू होकर रुड़की, रायवाला, गौचर, जोशीमठ, रत्तना कोना, माणा, नीति पास, रिमखिम, कुर्कतुई, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, हर्षिल, थागला-I होते हुए फिर हर्षिल, रायवाला और रुड़की तक जाएगी। इस पूरी यात्रा में दल दुर्गम पहाड़ी रास्तों, बदलते मौसम और ऊंचाई की चुनौतियों का सामना करेगा।
पर्यटन और राष्ट्रभक्ति को जोड़ने वाला अभियान
यह यात्रा जहां उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को उजागर करेगी, वहीं यह राज्य के साहसिक पर्यटन को भी नई दिशा देगी। इस अभियान का आयोजन रायल एनफील्ड और इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से, उत्तराखंड पर्यटन विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है।