नई दिल्ली। हरिद्वार लोकसभा से सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा में आज पशुपालन को स्वरोजगार का साधन बनाने से सम्बंधित प्रश्न पूछा। लिखित उत्तर में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने बताया कि केंद्र सरकार उत्तराखंड सहित देश के राज्यों में पशुपालन को स्वरोजगार का मजबूत साधन बनाने हेतु बहुआयामी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।
मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम तथा पशुपालन अवसंरचना विकास निधि जैसी योजनाओं के माध्यम से दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य, डेयरी प्रसंस्करण और स्वरोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत हरिद्वार जिले में अब तक 1.56 लाख से अधिक कृत्रिम गर्भाधान कराए गए हैं। मैत्री योजना के अंतर्गत राज्य में 817 तकनीशियन प्रशिक्षित किए गए हैं जो ग्रामीण स्तर पर प्रजनन व प्राथमिक उपचार सेवाएं दे रहे हैं। हरिद्वार में एक उन्नत नस्ल वृद्धि फार्म स्वीकृत किया गया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में 7504.26 लाख रु. की लागत से दुग्ध अवसंरचना को मजबूती दी जा रही है, जिसमें हरिद्वार को भी सम्मिलित किया गया है।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड की ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) योजना के तहत नैनीताल में 1.50 लाख लीटर/दिन क्षमता वाला आधुनिक डेयरी संयंत्र और चंपावत में संयंत्र क्षमता विस्तार हेतु परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के अंतर्गत राज्य में 9.60 करोड़ रुपये लागत की 2 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
इसके अलावा मंत्री ने बताया कि पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के अंतर्गत उत्तराखंड में खुरपका-मुँहपका, ब्रुसेलोसिस, पीपीआर और लम्पी स्किन डिज़ीज़ के खिलाफ कुल 1.63 करोड़ टीकाकरण किए गए हैं। हरिद्वार जिले में अब तक 16.61 लाख एफएमडी, 2.3 लाख ब्रुसेलोसिस व 3.35 लाख एलएसडी टीकाकरण संपन्न हुए हैं। राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ, जिनमें हरिद्वार में 5 एमवीयू, ग्रामीण क्षेत्रों तक पशु स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचा रही हैं।
हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पशुपालन न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार का भी सशक्त माध्यम है। केंद्र की योजनाएँ राज्य में डेयरी क्रांति लाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। हम इन प्रयासों को ग्राम स्तर तक प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।