अभियुक्त पुलकित, सौरभ व अंकित को कठोर आजीवन कैद व जुर्माना
कोटद्वार। प्रदेश के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को दिए अपने निर्णय में तीनों अभियुक्तों को हत्या, साक्ष्य मिटाने, अनैतिक देह व्यापार व छेड़खानी का दोषी करार दिया।
अभियुक्त पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को कठोर उम्र कैद की सजा सुनाई । अंकिता के परिवार को 4 लाख मुआवजा देने का भी फैसला दिया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य सहित तीनों दोषियों को विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने अभियुक्त पुलकित आर्य को आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी (साक्ष्य नष्ट करना) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 354ए आईपीसी (यौन उत्पीड़न) में 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क), अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना, अभियुक्त सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना तथा मृतका के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा प्रदान करने का भी आदेश दिया है।
शुक्रवार को अदालत में अंकिता के माता-पिता व तीनों अभियुक्त मौजूद थे। फैसला सुनाए जाने के समय अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। एडवोकेट अजय पंत व अवनीश नेगी ने मीडिया को फैसले की जानकारी दी।

यह था मामला
गौरतलब है कि 18 सितंबर 2022 को ऋषिकेश के गंगा भोगपुर के वनन्तरा रिसॉर्ट की महिला कर्मी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गयी थी।
हत्या के पीछे मुख्य कारण किसी वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस से साफ इंकार करना था। अंकिता की व्हाट्सएप्प चैट व फोन कॉल्स से यह बात सामने आई थी कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर किसी वीआईपी को स्पेशल ट्रीटमेंट देने का दबाव बनाया था।
अंकिता ने अपने दोस्त पुष्पदीप व अन्य रेसॉर्टकर्मियों को रोते- रोते दास्तां बयां की थी। इस मुद्दे पर पुलकित आर्य से झगड़ा होने के बाद तीनों ने अंकिता को चीला नहर में धक्का दे दिया था।
लापता अंकिता के परेशान परिजनों ने राजस्व पुलिस में गुहार लगाई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शोर मचने के बाद रेगुलर पुलिस ने जॉच शुरू की। और 22 सितंबर को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद किया।

जनता के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने जघन्य हत्या के तीनों आरोपी- पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
अंकिता के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की। लेकिन राज्य सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग ठुकरा दी। राज्य सरकार ने एसआईटी जांच जारी रखी।
चूंकि, पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य भाजपा सरकार में दायित्वधारी थे। उनका संघ व पार्टी नेताओं से करीबी रिश्ते भी थे। हालांकि,इस कांड के बाद विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया गया। लेकिन कथित ‘वीआईपी’ के ‘बचाव’ को लेकर सत्ता पक्ष के कुछ नेता लामबंद रहे।
गौरतलब है कि बीते दिनों हरिद्वार के दहेज उत्पीड़न व पारिवारिक झगड़े में मारपीट के बाद सीबीआई जॉच के आदेश कर दिए गए थे। कुछ दिन पहले ही सीबीआई कोर्ट ने भाजपा विधायक आदेश चौहान को सजा सुना दी। लेकिन जघन्य अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच नहीं होने से वीआईपी समेत कई अन्य राज से पर्दा नहीं उठ सका।
बहरहाल, आज के कोर्ट के फैसले के बाद भी अंकिता की हत्या से जुड़े कई अन्य मामलों का खुलासा नहीं हो पाया। लेकिन यह भी सच है कि सीबीआई जॉच व वीआईपी के सवाल पर जनता के दिल में फांस बनी रहेगी।
यही कारण रहा कि जो वजह अंकिता भंडारी की मौत का कारक बनी। उसका सच सामने नहीं आ पाया। जबकि अंकिता के माता- पिता ने कई बार वीआईपी के खुलासे की मांग की।
बुलडोजर व पुष्पदीप का बयान
अंकिता की हत्या के बाद एक विधायक ने वनन्तरा रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने के लिए सोशल मीडिया में अभियान चलाया। नतीजतन, देर रात पौड़ी डीएम की अनुमति के बिना ही रिसॉर्ट में बुलडोजर चला दिया गया। इस कार्रवाई में कई सबूत नष्ट होने की भी बात कही गयी।
वीआईपी व अन्य मसलों को लेकर अंकिता के दोस्त पुष्पदीप का सनसनीखेज बयान भी सामने आया था। आरोपियों और पुष्पदीप के नार्को टेस्ट का न होना भी कई सवाल खड़े कर गया।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मामला
एसआईटी ने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। 97 गवाह नामित किए गए थे। अभियोजन पक्ष के वकील अवनीश नेगी ने 47 गवाहों को पेश किया।
पुलकित आर्य पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं. वहीं, अन्य दोनों आरोपियों पर भी हत्या और अनैतिक कार्यों में सहयोग के आरोप लगे हैं.
अंकिता न्याय यात्रा
कई जनसंगठनों व कांग्रेस ने अंकिता न्याय यात्रा निकाल वीआईपी व दोषियों को सजा देने की मांग की थी। 2024 में लोकसभा चुनाव में अंकिता हत्याकांड के मुद्दे पर भाजपा नेताओं की चुप्पी भी बड़ा मुद्दा बनी थी। अंकिता के माता-पिता ने कथित वीआईपी का नाम लेकर हलचल मचा दी थी।