कैबिनेट में मंत्री के खाली 5 पदों को भरने के लिए आलाकमान से चर्चा और अनुमति के लिए दिल्ली जा सकते हैं सीएम धामी
आगामी 2027 के चुनाव को ध्यान में रखकर हो सकता है मंत्रिमंडल में नए चेहरों का चयन
धामी कैबिनेट के कुछ और मंत्रियों की खराब परफोर्मेंस को लेकर मांगा जा सकता है इस्तीफा
दर्शन सिंह रावत
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टि.जनरल (रि.) गुरमीत सिंह ने प्रेम चंद अग्रवाल का मंत्री पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही धामी कैबिनेट में खाली पदों की संख्या 5 हो गई है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने को लेकर पार्टी हाईकमान से चर्चा और अनुमति के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जा रहे हैं। धामी कैबिनेट के कुछ मंत्रियों की खराब परफोर्मेंस के कारण आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनसे इस्तीफा लेने की भी राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही राजनीतिक, सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को साधते हुए ही नए विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
हाल के बजट सत्र के दौरान सदन में निर्वतमान मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पहाड़ियों के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द कहे थे। हालांकि मुख्यमंत्री के दबाव में उन्होंने अपने बयान पर खेद भी व्यक्त कर दिया था। लेकिन उसके बाद भी यह मामला ठंडा नहीं हुआ। प्रदेश भर से प्रेम चंद अग्रवाल को मंत्री पद से बाहर करने को लेकर सरकार पर भारी दबाव था। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के बयानों से संकेत मिल गए थे कि प्रेम चंद अग्रवाल के पहाड़ियों के खिलाफ बयान को पार्टी आलाकमान ने काफी गंभीरता से लिया है और उनके खिलाफ पार्टी एक्शन ले सकती है।
16 मार्च को जिस तरह से मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पहले नारसन में शहीद स्मारक पर जाकर शीश नवाया और उसके बाद प्रेस वार्ता कर अपना इस्तीफा देने की जानकारी दी। उससे साफ है कि हाईकमान के दबाव में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने प्रेस वार्ता के तत्काल बाद सीएम आवास जाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। धामी ने भी उसे संस्तुति के साथ मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेज दिया था। सोमवार को राज्यपाल ने प्रेम चंद अग्रवाल का मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। माना जा रहा है कि इस प्रकरण की आंच में कुछ और भी लपेटे में आ सकते हैं।
मंत्री पद से प्रेम चंद अग्रवाल की छुट्टी होने के बाद अब मुख्यमंत्री धामी के सामने कैबिनेट में खाली पांच मंत्री पदों को भरने की चुनौती है। उत्तराखंड में मंत्रिमंडल में इस समय 6 मंत्री रह गए हैं। इनमें भी तीन मंत्री सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत और सुबोध उनियाल पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से हैं। गणेश जोशी टिहरी लोकसभा क्षेत्र, रेखा आर्य अल्मोड़ा पिथौरागढ रिजर्व संसदीय क्षेत्र और सौरभ बहुगुणा नैनीताल संसदीय क्षेत्र से हैं।
पार्टी आलाकमान के सामने प्रदेश मंत्रिमंडल में खाली पांच सीटों को भरने की बड़ी चुनौती है। इसमें क्षेत्रीय के साथ ही जातीय समीकरणों को भी ध्यान में रखकर मंत्री पदों को भरने की कोशिश की जाएगी। हरिद्वार, नैनीताल जैसे दो बड़े जिलों को मंत्रिमंडल में अभी स्थान नहीं मिल पाया है। कयास लगाए जा रहे हैं अब मंत्रिमंडल में खाली पदों को भरने की कवायद में इन जिलों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ऋृतु खंडूड़ी कोटद्वार से विधायक हैं। लिहाजा वह भी पौड़ी संसदीय क्षेत्र से ही हैं। ऐसे में उन्हें हटाकर नए स्पीकर को बनाने की अटकले भी लगाई जा रही हैं।
मंत्री पद से प्रेम अग्रवाल के इस्तीफे के बाद धामी कैबिनेट में जगह पाने के लिए विधायकों ने अपने संपर्कों को भी तेज कर दिया है। धामी सरकार के इसी माह 3 साल भी पूरे हो रहे हैं। इससे यह माना जा रहा है कि आलाकमान अब कैबिनेट में खाली पदों को भरने के लिए अपनी मंजूरी दे सकता है। मौजूदा कैबिनेट में कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में इसकी भी संभावना है कि धामी कैबिनेट के कुछ अन्य मंत्रियों से भी इस्तीफे लिए जा सकते हैं। ऐसे में कई नये चेहरों को भी जगह मिलने की संभावना दिख रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि धामी कैबिनेट को नए सिरे से गठित किया जा सकता है। दो साल बाद 2027 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर ही धामी कैबिनेट में खाली पदों को नए विधायकों से भरा जाएगा।
प्रदेश भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है। मंडल के बाद जिलाध्यक्षों का चयन भी हो गया है। अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में खाली पदों को भरने के लिए संभवत पार्टी आलाकमान नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को भी ध्यान में रखकर नए विधायकों को मंत्री बनाएगा।