देहरादून। धामी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को आखिर पहाड़यों को गाली देने की कीमत चुकानी पड़ी। प्रेम अग्रवाल ने आज शाम अपने सरकारी आवास में प्रेस वार्ता में भावुक होकर इस्तीफे के ऐलान किया। इसके बाद प्रेम अग्रवाल ने शाम लगभग 6 बजे सीएम धामी को इस्तीफा सौंपा।
गौरतलब है कि प्रेम के इस्तीफे को लेकर उत्तराखंड व दिल्ली में जनता ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किए थे।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री धामी से भेंट कर मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपा। प्रेम अग्रवाल के बयान के बाद से ही प्रेम अग्रवाल के इस्तीफे को लेकर CM धामी पर दबाव बढ़ गया था। बीते 6 मार्च को पीएम मोदी के हर्षिल दौरे के दौरान मंत्री प्रेम नजर नहीं आये थे।
इससे यही अहसास हो रहा था कि प्रधानमंत्री भी मंत्री प्रेम के बोल को लेकर नाराज हैं। अब मंत्री प्रेम के इस्तीफे के बाद धामी कैबिनेट के पुनर्गठन की संभावना दिख रही है। जल्द ही कैबिनेट के रिक्त पदों पर नये विधायकों को जगह दी जाएगी।
शहीद स्मारक पर किया नमन
प्रेमचंद अग्रवाल ने इस्तीफा देने से पहले रविवार को ही मुजफ्फरनगर स्थित शहीद स्मारक पर जाकर राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया था। इस दौरान उन्होंने यह संकेत दिए कि वह जल्द कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
सदन में उठा था विवाद
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 21 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान पहाड़ी समुदाय पर आपतिजनक टिप्पणी कर दी। इसे लेकर सड़क से सदन तक भारी हंगामा बरपा। 22 फरवरी को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने काफी विरोध किया। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने लखपत बुटोला को बोलने से टोका। नतीजतन, विधायक बुटोला ने दस्तावेज फाड़ते हुए सदन से बहिर्गमन किया। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में स्पीकर के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन होने लगे।