देहरादून। कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार को आखिर पुलिस महानिदेशक के पद से हटना ही पड़ा। एक दिन पहले ही केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति बीच में ही खत्म कर लौटे 1995 बैच के दीपम सेठ उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक बन गए हैं। सचिव गृह शैलेश बगोली की ओर से उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस बीच दोपहर में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी से सचिवालय में नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने शिष्टाचार भेंट की |
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करीब एक साल पहले अभिनव कुमार को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी दी थी। अभिनव कुमार के पास DG (Jail) का मुख्य प्रभार है। दीपम सेठ यूपीएससी को भेजे गए पैनल में पहले स्थान पर थे। अन्य दो डीजी रैंक अधिकारियों में डा. PVK प्रसाद और अमित सिन्हा हैं। अहम बात यह है कि चारों अभी ADG Rank में हैं। दीपम के बैच के डॉ PVK प्रसाद डीजी (होमगार्ड) का कार्यभार देख रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अभिनव कुमार को पुलिस महानिदेशक के पद से हटाना सरकार के लिए मजबूरी हो गई थी। यूपीएससी के पैनल में अभिनव को यूपी काडर का मानते हुए शामिल नहीं किया गया था। संघ ने सरकार की अभिनव को डीजीपी बनाए रखने के लिए पेश दलील को नहीं माना। केंद्र सरकार ने अभिनव के प्रत्यावेदन को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद लगभग तय हो गया था कि डा. पीवीके प्रसाद के बैच में उनसे वरिष्ठ दीपम सेठ नए डीजीपी बनेंगे।
दीपम सेठ को बतौर DGP कम से कम 2 साल सेवा का मौका मिलेगा। हालांकि दीपम से वरिष्ठ सफ़ी अहसान रिजवी (1989 Batch)-दीपेश जुनेजा (1992 Batch)-LV एंटनी देव कुमार (1994 Batch) उत्तराखंड Cadre मिलने के बावजूद यहाँ कभी आए ही नहीं। रिजवी 6 जनवरी 2026-दीपेश 11 फरवरी-2026 और एंटनी 28 मई 2026 को सेवानिवृत्त होंगे। नए डीजीपी सेठ की 21 October-2028 तक की सेवा बची है। 1 जनवरी-2025 को दीपम सेठ और डा. पीवीके प्रसाद प्रोन्नत होकर DG Scale और Rank में आ जाएंगे।
अभी ये व्यवस्था है कि जिन राज्यों में डीजी रैंक के आईपीएस अफसर उपलब्ध नहीं हैं, वहाँ एडीजी रैंक के अफसरों में से किसी को डीजीपी बनाया जा सकता है। 1 जनवरी-25 के बाद उत्तराखंड के पास 2 DG Rank के अफसर उपलब्ध होंगे। दीपम शाहजहाँपुर (UP) के रहने वाले हैं।उन्होंने अपनी Higher Education IIT (Roorki) से की है। ये कयास लगाए जा रहे थे कि अभिनव को शायद शासन में फिर प्रमुख सचिव बनाया जा सकता है। सरकार ने उनको स्वायत्त जिम्मा सौंपते हुए जेल महकमे का मुखिया बना दिया।