देहरादून। वरिष्ठ निजी सचिव उत्तराखंड शासन कपिल कुमार ने कोतवाली नगर में लिखित तहरीर दी है। इसमें शिकायत की गई कि विश्वकर्मा भवन के कार्यालय कक्ष में बॉबी पंवार नामक व्यक्ति ने अपने 02 अन्य साथियों के साथ सचिव आवास व उनके स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करते हुए गाली- गलौच की। उन्हे डराते- धमकाते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई एवं सरकारी कार्य मे बाधा डाली गई।
पुलिस के अनुसार उक्त लिखित तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली नगर में बाबी पंवार और उसके साथियों पर मुकदमा अपराध संख्या 475/24 धारा 115(2), 352,351(3), 121(1), 132,221 के तहत अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है। पीड़ित पक्ष का मेडिकल कराया गया है। साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाॅबी पंवार पर आरोप है कि उन्होंने अपने दो अन्य साथियों के साथ सचिवालय में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम के साथ गाली-गलौज, डराने-धमकाने और जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं उन्होंने सचिव के स्टाफ के साथ भी धक्का-मुक्की तथा मारपीट की।
सचिव के स्टाफ ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अपने जान-माल के नुकसान की आशंका जताई। साथ ही कहा कि यदि भविष्य में सचिव अथवा उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए बॉबी पंवार उत्तरदायी होगा।
सचिव मीनाक्षी सुन्दरम के वरिष्ठ निजी सचिव कपिल कुमार की ओर से एसएसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है। इसमें कहा गया कि गत सांय लगभग 06.25 बजे सचिव मीनाक्षी सुन्दरम के सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष संख्या 201 में बॉबी पंवार अपने दो साथियों के साथ मिलने के लिए आए। सचिव द्वारा जब उन्हें अपने कक्ष में बुलाया गया तो उनके द्वारा सचिव को गाली-गलौच, डराने-धमकाने तथा जान से मारने की धमकी दी गई।
इस दौरान सचिव द्वारा हमें (कपिल कुमार, वरिष्ठ निजी सचिव एवं अनूप डंगवाल, अपर निजी सचिव) बुलाकर उन्हें बाहर भेजने के निर्देश दिये गये, परन्तु वे सचिव के समक्ष ही हमसे भी धक्का-मुक्की, हाथापाई तथा मारपीट की गयी तथा शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न की। साथ ही उनके द्वारा सचिवालय से बाहर देख लेने की धमकी भी दी गयी, जिससे हमें जान-माल के नुकसान की आशंका है। यदि भविष्य में सचिव अथवा हमारे साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए पूर्ण रूप से बॉबी पंवार उत्तरदायी होगा। प्रार्थना पत्र में बाॅबी पंवार और उनके साथियों के विरूद्ध तत्काल प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कठोर विधिक कार्यवाही कराने की मांग की गई।