*उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अधिकारियों को दिये निर्देश*
*कहा, समर्थ एण्ट्रेन्स मॉड्यूल के माध्यम से पंजीकृत छात्र भी ले सकेंगे प्रवेश*
देहरादून। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य के उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विवि परिसर एवं संबद्ध महाविद्यालयों में कतिपय कारणों से प्रवेश से वंचित छात्रों को प्रवेश दिए जाने हेतु एक और अवसर प्रदान करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।
विभागीय समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि, उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विवि में आगामी परीक्षा परिणम समर्थ के माध्यम से नैड-डिजिलॉकर से घोषित होंगे ।
गौरतलब है कि, समर्थ पोर्टल को पंजीकरण हेतु नहीं खोला जा रहा है, केवल प्रवेश से वंचित पूर्व पंजीकृत अभ्यर्थियों और प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया में सम्मिलित छा़त्रों को ही दो दिनों (24 व 25 अक्टूबर) तक प्रवेष और शुल्क जमा करने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
विभागीय मंत्री डॉ रावत के निर्देश पर विभाग द्वारा प्रवेश से वंचित एवं इच्छुक अभ्यर्थियों हेतु विभिन्न मीडिया माध्यमों से अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिससे दूरस्थ छात्रों को भी सूचना प्राप्त हो सके।
गौरतलब है कि राज्य के वि0वि0 परिसरों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं 11 जुलाई से ही संचालित हैं।
सचिव, उच्च शिक्षा डॉ0 रंजीत कुमार सिन्हा ने निदेशक, उच्च शिक्षा के माध्यम से यह निर्देश दिए हैं कि प्रवेश प्रक्रिया कक्षाओं के संचालन के पष्चात द्वितीय पाली में अपराह्न 12 बजे के उपरान्त ही संचालित किया जाय। जिससे कक्षा संचालन किसी भी दशा में प्रभावित न हो। छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने हेतु संस्था और शिक्षकों द्वारा विशेष रचनात्मक प्रयास किए जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के समग्र मूल्यांकन को छात्रों के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुलभ कराना हमारा नैतिक दायित्व है और महाविद्यालयों में पढ़ाई से कोताही बर्दाश्त नहीं जाएगी। उन्होंने संबंधित विवि एवं महाविद्यालयों को भी 75 प्रतिशत उपस्थिति मानक का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
प्रवेश एवं शुल्क जमा करने हेतु पोर्टल पुनः 24 अक्टूबर को प्रातः 08 बजे से खोला जाएगा जो कि 25 अक्टूबर को सायं 05 बजे तक खुला रहेगा। इस अवधि में समर्थ एण्ट्रेन्स मॉड्यूल के माध्यम से बी0एड0, एम0एड0 एवं विधि हेतु पंजीकृत अभ्यर्थियों को विश्व विद्यालय के नियमों के अनुसार मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है। प्रवेश प्रक्रिया में मानकों के अनुपालन का दायित्व संबंधित संस्थान का होगा जिसके उल्लंघन पर संबंधित संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।