पांच वर्ष के लिए दिया जाएगा फूड लाइसेंस, नवीनीकरण पर भी शुल्क माफ रहेगा
देहरादून। अब खाद्य पदार्थ बेचने वाले रेहड़ी-ठेली संचालकों व फेरीवालों का फूड लाइसेंस निशुल्क बनेगा। यह लाइसेंस पांच वर्ष के लिए जारी किया जाएगा।
लाइसेंस का नवीनीकरण कराने पर भी शुल्क माफ होगा। केंद्र सरकार के इस आदेश को खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने राज्य में लागू कर दिया है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले रेहड़ी-ठेली संचालकों व फेरीवालों को भी फूड लाइसेंस लेना होता था। जिसके लिए प्रतिवर्ष की दर से निर्धारित शुल्क लिया जाता था। जिसको केंद्र सरकार ने माफ कर दिया है। फेरीवालों के लिए पंजीकरण शुल्क माफी 28 सितंबर 2024 से प्रभावी हो गई है।
राज्य की सीमाओं पर चलेगा सघन चैकिंग अभियान
त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग राज्य की सीमाओं पर सघन चैकिंग अभियान चलाने जा रहा है। आयुक्त आर राजेश कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान लगातार जारी है। प्रदेशभर में खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रहित किए जा रहे हैं। नमूने फेल होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही राज्य की सीमाओं पर सघन चैकिंग अभियान चलाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।
ठेली वालों से लेकर माल तक में होगी छोपमारी
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि प्रदेशव्यापी अभियान के तहत ठेलियों से लेकर माल में खाद्य पदार्थ बेचने वालों की जांच की जाएगी। इसके अलावा संस्थानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले व्यवसायियों की वस्तुओं की भी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभिहित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बाजारों और सार्वजनिक स्थानों में छापेमारी कर मिलावटखोरी पर हर हाल में अंकुश लगाएं। उन्होंने बताया कि दस्ता मौके पर ही प्राथमिक जांच करेगा और यदि मिलावट की आशंका हुई तो इसके नमूने प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे।
इन पदार्थों की प्राथमिकता से होगी जांच
अपर आयुक्त ने बताया कि दुग्ध और इससे निर्मित उत्पाद के थोक और रिटेल व्यवसायियों के अलावा डेयरी और इन उत्पादों के ट्रासपोर्टर्स, खाद्य तेल और वसा निर्माण इकाईयां और उनके वितरक, खाद्य मसाले से संबंधित निर्माण इकाईयां और उनके वितरक, आटा मैदा और बेसन की निर्माण इकाईयां और सभी वितरक, इसके अलावा मिठाईयों की दुकानों में भी मिठाई के सैंपल लिए जाएंगे। इन उत्पादों की जांच एक सप्ताह में होगी और यदि मिलावट पाई गई तो संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।