देहरादून। राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने कहा कि सार्वजनिक निगमों/निकायों/उपक्रमों के दैनिक, संविदा और उपनल कार्मिकों के नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर 30 सितंबर को दून में महारैली निकाली जाएगी।
महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गौसाई ने कहा कि सार्वजनिक निगमों /निकायों/उपक्रमों में हजारों पद रिक्त हैं। जिनके सापेक्ष दैनिक/संविदा/विशेष श्रेणी/आउटसोर्स के नाम से राज्य गठन के पश्चात लगातार कार्य लिया जा रहा है। लेकिन शासन की हीलाहवाली के चलते नियमितीकरण नहीं किया जा रहा है । जिसके कारण अनेक कार्मिक नियमित होने की प्रत्याशा में सेवानिवृत हो गये हैं ।
महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष पन्त ने कहा कि सार्वजनिक निगमौ के कार्मिकौ के साथ शासन का रवैया सौतेला रहा है । मंहगाई भत्ता हो या सातवें वेतन आयोग के अनुसार मकान किराया भत्ता या शिथिलीकरण का लाभ देने की मांग रही हो, किसी पर भी निर्णय नहीं किया जा रहा है । आज तक सार्वजनिक निगमों के कार्मिकौ को बिना आन्दोलन के शासन कुछ देने को तैयार नहीं है ।
महासंघ के मण्डलीय अध्यक्ष शिशुपालसिंह रावत ने कहा कि निगमों / निकायों में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने पर कार्मिक ढांचे में चतुर्थ श्रेणी के पदों को मृत घोषित किया गया । जबकि फील्ड के महत्वपूर्ण पदों पर दैनिक, आउटसोर्स, पी टी सी पर ठेकेदारो के माध्यम से कार्मिक लगातार काम कर रहे हैं । इसलिये जिन पदों को कार्मिक ढांचे में मृत घोषित किया गया, उनके सापेक्ष कार्य करने वाले हजारोंं कार्मिकों को न्याय दिलाने के लिये महासंघ को आन्दोलन के लिये बाध्य होना पड रहा है ।
महासंघ के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने कहा कि 2013 में नियमितीकरण हेतु बनी नियमावली को न्यायलय द्वारा हरी झंडी मिलने के पश्चात भी शासन द्वारा मामले को लटकाया जा रहा है । महासंघ के महासचिव बी एस रावत ने कहा कि महासंघ की 30-9-24 को देहरादून में होने वाली विशाल रैली निगमों और निकायों में कार्य करने वाले कार्मिकों के भविष्य की सामाजिक सुरक्षा की दिशा तय करेगी।
बैठक में दिनेश गौसाई , श्याम सिंह नेगी ,राजेश रमौला, ओ पी भट्ट, अनुराग नौटियाल, टी एस बिष्ट , शिशुपाल रावत, मनमौहन चौधरी बी एस रावत , संदीप मल्होत्रा,रमेश बिजौला, उपस्थित रहे ।