“उत्तराखण्ड प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह में स्थानीय लोक गायकों और कलाकारों की अनदेखी पर जताया रोष”
देहरादून। राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में उत्तराखंड़ प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड लोकगायकों की अनदेखी पर मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने कड़ा विरोध जताया है।
समिति ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में हो रहे इतने बड़े आयोजन से लोकगायकों को दूर रखना राज्य की लोकसंस्कृति, लोकभाषा और हमारे समाज मे एक बड़ा कुठाराघात है । इसको संघर्ष समिति किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही करेगी।
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को भविष्य में इस तरह की गुस्ताखी न करने की चेतावनी दी है। समिति ने यह भी कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। इसे खत्म करने की साजिश हो रही है। यह पहला मौका नहीं है जब हमारे लोक कलाकारों और गायकों का अपमान हुआ है पहले भी बाहर के लोगों को यहां बुलाकर उन्हें लाखों-करोड़ों रुपये दिए गए हैं। लेकिन हमारे कलाकारों को देने के लिए सरकार कर पास पैसा नहीं है।
समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा उत्तराखंड़ क्रिकेट लीग के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड की संस्कृति, लोक नृत्य, लोक संगीत को बढ़ावा दिया जा सकता था । लेकिन उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उत्तराखंड़ के स्थानीय लोक कलाकारों का अनादर किया है। हइस लीग के आयोजकों द्वारा उत्तराखंड क्रिकेट लीग उद्घाटन कार्यक्रम में पंजाबी गायक बी प्राक, कलाकार सोनू सूद और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को तो बुलाया। लेकिन उत्तराखंड के लोक कलाकारों और लोक गायकों को ना बुलाकर उत्तराखंड का अपमान किया है l
समिति के सह संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि उत्तराखंड क्रिकेट बोर्ड पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों की वजह से विवादों में रहा है। उत्तराखंड प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह में स्थानीय लोकगायकों की जगह बॉलीवुड के गायकों को तरजीह देना दुर्भाग्यपूर्ण है ।