मृत्यु होने पर परिवार को मिलेगी दस लाख रुपये की सहायता राशि
एनएचएम प्रशासन ने जारी किया आदेश
देहरादून: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा कर्मियों के हक में बड़ा निर्णय लिया गया है। अब उन्हें ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा। एनएचएम प्रशासन ने कर्मचारियों को विगत एक जनवरी से बीमा का लाभ दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है। एनएचएम की इस पहल का कर्मचारियों से स्वागत किया है।
उत्तराखंड में एनएचएम के तहत संविदा पर 4836 कर्मचारी तैनात हैं। यह कर्मचारी सरकारी अस्पतालों, सीएचसी-पीएचसी, वेलनेस सेंटर आदि में ड्यूटी कर रहे हैं। जिनमें चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी, फार्मेसिस्ट, एएनएम, डाटा एंट्री आपरेटर, काउंसलर आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन लंबे वक्त से कर्मचारियों को बीमा सुरक्षा देने की मांग कर रहा था। अब एनएचएम की मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि एनएचएम के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों को ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस योजना का लाभ एक जनवरी 2024 से मिलेगा। योजना का उद्देश्य एनएचएम के तहत राज्य, जिला स्तर पर कार्यरत संविदाकर्मी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों/स्वजन को सहायता प्रदान करना है। इसके लिए एनएचएम प्रशासन ने भारतीय जीवन बीमा निगम से पालिसी ली है। कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रित को दस लाख रुपये की धनराशि मिलेगी।
नामिनी के लिए एनएचएम प्रशासन ने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी के जरिए पत्र भेजा है। उन्हें पालिसी के तहत आच्छादित कार्मिकों के नामिनी का नामांकन कराने को कहा है। कहा है कि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर नामित व्यक्ति (नामिनी) को ही इस बीमा योजना के अंतर्गत क्लेम का भुगतान होगा।
एनएचएम प्रशासन ने पालिसी के नियम-शर्तों की प्रति भी सभी सीएमओ को भेजी है। इसके अलावा दावा प्रस्तुत करने का प्रोफार्मा भी भेजा है। कहा है कि किसी संविदा कर्मी की मृत्यु होने पर सभी दस्तावेज, आवश्यक सूचना भरकर भेजे जाने हैं। जिन्हें सीएमओ की ओर से सत्यापित किया जाएगा। इसके अलावा मृत्यु प्रमाण पत्र और नामित व्यक्ति के आधार कार्ड व बैंक पासबुक की प्रति भी सीएमओ द्वारा प्रमाणित की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन ने कर्मचारियों को बीमा का लाभ दिए जाने पर स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया का आभार जताया है। संगठन के उपाध्यक्ष डा. रामिंदर कालरा ने कहा कि कर्मचारी इस मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत थे। इसी संघर्ष का नतीजा है कि 4836 कर्मियों को बीमा का लाभ दिया गया है।