देहरादून। 17 साल पहले लापता हुए एक बेटे को पुलिस ने उसकी मां से मिलाकर अपना मानवता का फर्ज निभाया। 5 दिन पूर्व एक युवक द्वारा पुलिस कार्यालय में आकर लगभग 18-19 वर्ष पूर्व 09 वर्ष की आयु में एक व्यक्ति द्वारा उसका अपहरण कर राजस्थान में किसी अजांन जगह पर ले जाने की जानकारी दी थी। 17 वर्षो बाद अपने लापता बेटे को वापस पाकर मां ने पुलिस को दिल से आर्शीवाद दिया।
25-06-2024 को एक व्यक्ति द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित एएचटीयू के कार्यालय में आकर बताया कि उसे लगभग 18 से 19 वर्ष पूर्व जब उसकी आयु लगभप 09 वर्ष थी एक व्यक्ति द्वारा घर के पास से उठाकर राजस्थान में किसी अजांन जगह पर ले जाया गया। जहां उनके द्वारा उससे भेड-बकरी चराने का कार्य करवाया जाता था। वर्तमान में किसी व्यक्ति की सहायता से वह देहरादून पहुंचा पर उसे अपने घर का पता व परिजनो के सम्बंध में कोई जानकारी याद नहीं है। न ही उसे अपने असली नाम याद है।
पुलिस को उसने बताया कि उसे यह याद है कि उसके पिताजी की परचून की दुकान थी तथा घर पर उसकी माताजी तथा 04 बहने थी। जिस पर पुलिस द्वारा उक्त व्यक्ति के रूकने व खाने की व्यवस्था करते हुए, सोशल मीडिया व पम्पलेट के माध्यम से उक्त व्यक्ति की जानकारी से जनपद के सभी थानो को अवगत कराते हुए अपने-अपने थाना क्षेत्रो में युवक के परिजनो की तलाश के निर्देश दिये गये। साथ ही दैनिक राष्ट्रीय समाचार पत्र के माध्यम से युवक से सम्बन्धित जानकारी को प्रकाशित कराते हुए आमजन मानस से भी युवक के परिजनों को ढूंढने में सहयोग प्रदान करने की अपील भी की गई।
तब बंजारावाला निवासी एक महिला आशा शर्मा पत्नी कपिल देव शर्मा द्वारा समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को पढकर एएचटीयू कार्यालय में आकर जानकारी दी कि उनका पुत्र जिसका नाम मोनू था, वर्ष 2008 में घर से गायब हो गया था, जिसके उनके द्वारा उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश व अन्य कई स्थानो पर काफी तलाश किया गया पर उसके सम्बंध में कोई जानकारी प्राप्त नही हो पाई। जिस पर उक्त युवक को महिला से मिलवाया गया। तो महिला द्वारा बतायी गई बातो को याद करते हुए उक्त युवक द्वारा महिला की पहचान अपनी मॉ के रूप में की गई, साथ ही भावुक होकर अपनी मॉ को गले लगाया।