रानीखेत। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव थमते ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के अंदर सुलग रही आग धधकने लगी है। आपसी कलह और भीतरघात खुलकर बाहर आ रहा है। अल्मोड़ा के रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल और दर्जाधारी मंत्री कैलाश पंत में तलवारें खिंच गई हैं। दोनों ने एक-दूसरे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हाईकमान से कार्रवाई की मांग की है। इस बीच एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर प्रमोद नैनवाल ने खुलकर आरोप लगाया है कि उनसे मंत्री बनाने के लिए 30 लाख रुपए ठगे गए हैं।
दरअसल, यह पूरा मामला एक ग्राम प्रधान की पिटाई से शुरू हुआ है। भतरौजखान इलाके में सीम के प्रधान संदीप खुल्बे और विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई और भांजे के बीच विवाद हो गया था। ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया कि विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी ने उसके साथ मारपीट की है। बदले में विधायक के भाई ने भी ग्राम प्रधान पर गाली गलौच का आरोप लगाया। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई है। लेकिन मामला तब बढ़ गया जब केस दर्ज न होने पर उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत प्रधान के पक्ष में थाने पहुंच गए और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इसी बीच दूसरे पक्ष के लोग भी थाने पहुंचे और पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
इस बीच, एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसे कथित तौर पर विधायक नैनवाल और कैलाश पंत के चेले के बीच बातचीत का बताया जा रहा है। हालांकि हम इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करते लेकिन इसमें कथित तौर पर विधायक ये कह रहे हैं कि तुम्हारे गुरुजी ने मेरे भाई पर मुकदमा दर्ज करवाकर अच्छा नहीं किया। शख्स ये कहते भी सुनाई दे रहा है कि उक्त आदमी ने 30 लाख रुपए की ठगी की है। ये पैसे उन्होंने मंत्री बनाने के नाम पर उनसे लिए थे।