देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का प्रस्तावित पांच दिवसीय बजट सत्र चार ही दिन में अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। सदन ने विपक्ष के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच 89230 करोड़ से अधिक के बजट पास कर दिया। विनियोग विधेयक पारित होने के बाद सदन को अनिश्चतिकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
–विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने संख्या बल के आधार पर संसदीय परंपराओं की अनदेखी की है और विपक्ष की आवाज को दबा कर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। उसका कहना है कि उत्तराखंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता सदन का धन्यवाद उद्बोधन नहीं हुआ और उसके बाद बिना चर्चा के ही विनियोग विधेयक को पास कर लिया गया। विनियोग विधेयक पर नेता सदन ने विधानसभा में कोई बयान भी नहीं दिया। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने कहा कि विपक्ष का जो आरोप निराधार है। जो सदस्य सदन में मौजूद रहे उन्हें चर्चा का पूरा-पूरा मौका दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह से निराधार है। संसदीय परंपराओं के तहत ही सदन में सारे कार्य किए गए। विपक्ष ही नहीं चाहता कि सदन शांतिपूर्ण तरीके से चले।