1- उत्तराखण्ड राज्य के अनेक प्रतिभावान खिलाड़ियों द्वारा अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दी है: अतः प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के कुशल खिलाड़ियों को लोक सेवाओं और पदों में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया है। इसमें उत्तराखण्ड लोक सेवा (अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेता / प्रतिभाग करने वाले कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, 2024 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु कैबिनेट द्वारा दी मंजूरी दी गई है।
गन्ना मूल्य मनें 20 रुपए प्रति कुंतल की वृद्धि
2- पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य एवं गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर निर्धारित कर दी गई है। निर्धारित गन्ना मूल्य में रू० 20.00 प्रति कुन्तल की वृद्धि करते हुए गन्ने की अगेती प्रजाति हेतु रू० 375.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) तथा सामान्य प्रजाति हेतु रू० 365.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) निर्धारित किये जाने एवं विगत पेराई सत्र सत्र 2022-23 की भांति पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर रू० 5.50 प्रति कुन्तल निर्धारित किये जाने एवं इसके फलस्वरूप गन्ना विकास समिति के कार्मिकों के वेतन इत्यादि देयकों के भुगतान हेतु रु० 136.48 लाख (रू० एक करोड़ छत्तीस लाख अड़तालीस हजार मात्र) की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
बच्चों की देखभाल के लिए माता-पिता को अवकाश मिलेगा
3- राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) अनुमन्य किया गया है। विशिष्ट परिस्थितियों यथा सन्तान की बिमारी अथवा परीक्षा आदि में सन्तान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश इस शर्त / प्रतिबन्ध के साथ अनुमन्य किया गया है किः-
बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हुए कार्मिक को पहले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत वेतन दिया जायेगा। जिन महिला सरकारी सेवकों द्वारा पूर्व से बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा रहा है, के सम्बन्ध में यह प्रावधान अवकाश लेखे में बचे हुए अवकाशों पर ही नियमानुसार लागू होगा।”
“राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे /आहरित वेतन के समतुल्य ‘अवकाश वेतन देय होगा।”
वकीलों को चैंबर के लिए भूमि मिली
4- पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाने की मंजूरी दी गई है।
उक्त 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून को हस्तान्तरित किये जाने के आदेश निर्गत कर दिये गये हैं।
शासकीय कार्यों के लिए कार्मिकों को मिलेगा वाहन भत्ता
5-उत्तराखंड वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है। वाहन भत्ता एक जनवरी, 24 से दिया जाएगा। ग्रेड पे के हिसाब से कार्मिकों के लिए वाहन भत्ता मंजूर किया गया है।
वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक का पद सृजित
6-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैटर्न के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किये जाने का निर्णय लिया गया।
7-उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 को मंजूरी मिल गई है। इसमें विभागीय आवश्यकतानुरूप पशु चिकित्सा संवर्ग में पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 का वेतनमान
सहायक अभियंताओं को मोटरकार के लिए वाहन भत्ता मंजूर
8-विभिन्न विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटरकार के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह भत्ता औसत स्थानीय यात्रा 400 किलोमीटर प्रतिमाह से अधिक होने पर मिलेगा।
मछली पालन के लिए जलाशयों का ठेका अब 10 वर्ष के लिए मिलेगा
9- प्रस्तावित संशोधित नियमावली “उत्तराखण्ड मत्स्य (संशोधन) नियमावली, 2024” में ठेका अवधि “05 वर्ष से 10 वर्ष” एवं “खुली ई-निविदा” किये जाने पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इससे मुख्यतः निग्नवत लाभ होंगे:-
1. जलाशयों की वर्तमान उत्पादकता 41 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर से 60-65 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर होगी।
2. राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में लगभग 50 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि होगी।
3. वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मत्स्य बीज संचय एवं मत्स्य आखेट से जलाशय का जलजैविक संतुलन बना रहेगा।
4. जलाशयों का उचित प्रबन्धन, व्यापक जनहित एवं राज्य हित में होगा।
5. “खुली ई-निविदा” किये जाने पर निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी।
10-सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को कार्यालय भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की भूमि का निःशुल्क हस्तान्तरण को मंजूरी दी गई है।
लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की 06 नम्बर पुलिया, रिंग रोड, देहरादून स्थित 0.0266 हेक्टेयर भूमि को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय के भवन निर्माण हेतु निःशुल्क उपलब्ध करायी गई है। कार्यालय भवन निर्माण का व्यय भारत सरकार द्वारा स्वयं वहन किया जाना है।
11- उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012, समय-समय पर यथा संशोधित के प्राविधानानुसार जनपद हरिद्वार में तहसील हरिद्वार के अन्तर्गत गंगा नदी के दांये तट पर हरिपुर कलां से चण्डी पुल तक एवं जनपद देहरादून के अन्तर्गत ऋषिकेश क्षेत्र में ढालवाला ड्रेन से पशुलोक बैराज एवं पशुलोक बैराज से हरिपुर कला तक गंगा नदी के दांये तट पर (ऋषिकेश, खड़कमाफ, गौहरीमाफी, रायवाला एवं हरिपुर परगना-परवादून) तक हेतु अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में समयबद्धता के दृष्टिगत प्रकरण में मंजूरी दी गई है।
12- भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पुनर्गठित ढांचे में अतिरिक्त अवशेष पदों के सृजन को मंजूरी। इसमें विभाग के ढांचे में सात अतिरिक्त पद सृजित होंगे।
13- उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 में उच्च न्यायालय के आदेश पर आंशिक संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
14- व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने का फैसला लिया गया है।
15- उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय-विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु कीड़ा) के नियत वेतन (संविदा) के पदों हेतु निर्धारित अर्हताओं में संशोधन किये जाने का निर्णय़ लिया गया है।
16- वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट की मंजूरी दी गई है।
17- लखवाड-व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन हेतु पूर्व निर्गत शासनादेश के अन्तर्गत अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति के माध्यम से कराये जाने की वित्तीय सीमा को रू0 05 लाख से वृद्धि करते हुए रू 10.00 लाख किये जाने का निर्णय लिया गया है।
18- बाल देखरेख के क्षेत्र में SOS Children Village, भीमताल, नैनीताल संस्था के बेहतरीन कार्यशैली एवं उचित व्यवस्था के अनुकरणीय मॉडल की तर्ज पर SOS संस्था के साथ मिलकर राज्य की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत इसी तरह के केन्द्र / गृह गढ़वाल क्षेत्र में विकसित किया/चलाया जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त मॉडल की भांति गढ़वाल क्षेत्र में भी बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण हेतु सुविधाओं व सेवाओं की व्यवस्था किये जाने हेतु प्रथम 05 वर्षों तक राज्य सरकार द्वारा अंशदान दिया जाना हैं। छठवें वर्ष से संस्था द्वारा योजना का संचालन अपने संसाधनों से किया जाएगा।
19- वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 उत्तराखण्ड राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले व्यक्तियों हेतु कोविड-19 टेस्ट (आर०टी०पी०सी०आर०/एंटीजन टेस्ट) हेतु विभिन्न लैबों की बकाया धनराशि जारी करने को मंजूरी दी गई है। इसके लिए बीजक कुल रू0 23.0993 करोड़ (रू० तेईस करोड़ नो लाख तिरानवें हजार मात्र) वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2023-24 में राज्य आपदा मोचन निधि मद से अवमुक्त किये जाने के प्रस्ताव के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया।
दो बच्चों से अधिक होने पर पंचायतों की सदस्यता खत्म होगी
20- दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों हेतु त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्ध विषयक को मंजूरी दी गई है। इसके लिए उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक, 2024 प्रख्यापित किये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया।
21- पुलिस विभाग में समस्त संवर्ग के आरक्षियों (कान्स्टेबल) की सेवा नियमावली में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से आरक्षी, चालक की वरिष्ठता अपने मूल संवर्ग में मौलिक नियुक्ति की तिथि से निर्धारित किये जाने एवं परिवहन शाखा में पूर्व में अपने मूल संवर्ग से स्थानान्तरित हो कर नियुक्त आरक्षी चालकों को एक बार अपवाद स्वरूप अपने मूल संवर्ग में वापस जाने पर पदोन्नति के अवसर प्राप्त होने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पुलिस मोटर परिवहन शाखा अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
आयोग का कार्यकाल एक साल बढ़ाया
22- एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल 01 वर्ष विस्तारित किये जाने के संबंध में।
राज्य के भीतर प्रति स्थानीय निकायों में पिछडेपन की प्रकृति और निहितार्थों की समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच (contemporaneous rigorous empirical inquiry) कराये जाने हेतु गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल आगामी 01 वर्ष अर्थात् 31 जनवरी, 2025 तक के लिए बढ़ाये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।