भक्तों ने लगाए बाबा केदार के जयकारे, गूंजी उठी पूरी केदारघाटी उठी
देहरादून। बाबा श्री केदारनाथ और श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज पर शीतकाल के लिए पूरे विधि विधान के साथ बंद हो गए। शुभ मुर्हुत में सुबह 8.30 कपाट बंद होने की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद बाबा केदार की चल विग्रह पंचमुखी डोली ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई है।
बाबा केदारनाथ शीतकाल की गद्दी ओंकारेश्वर महादेव ऊखीमठ में विराजमान होगें। बाबा के जयकारों के साथ सभी भक्तजन डोली के साथ केदारनाथ से रवाना हो गए हैं।हर हर महादेव के जयकारों से पूरी केदारघाटी गूंज उठी। कपाट बंद होने की तैयारी पांच दिन पूर्व से ही शुरू हो गई थी। बाबा केदार की भोग मूर्ति शीतकाल में ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आएगी। डोली को ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुंचने में दो दिन लगेंगे। पूरे शीतकाल के दौरान अब बाबा के दर्शन और पूजा भगवान ओंकारेश्वर मंदिर में ही होगी।
शीतकाल में चारो धामों के कपाट भारी हिमपात के कारण बंद रहते हैं। गंगोत्री धाम के कपाट एक दिन पहले ही बंद हो गए हैं। 18 नवंबर को अपराह्न 3.30 बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। श्री बदरनीथ धाम के कपाट बंद होने के साथ चार धाम यात्रा भी इस वर्ष यहीं पर समाप्त हो जाएगी।