राजभवन में जनजातीय समूहों पीवीटीजी से संवाद कर उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी
देहरादून। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज भू बैकुंठ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। मंदिर में करीब 25 मिनट तक पूजा करते हुए राष्ट्रपति ने देश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
बदरीनाथ आर्मी हेलीपैड में राष्ट्रपति का लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना एवं पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति काफिले के साथ मंदिर पहुंची और मंदिर में बद्री विशाल की वेद पाठ एवं विशेष पूजा की। बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी एवं तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा संपन्न की। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं अन्य पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को बद्री विशाल का प्रसाद एवं अंग वस्त्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को भोजपत्र पर बनी बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति और स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की। बदरीधाम में चल रहे विकास कार्यों की भी उन्होंने जानकारी दी। भू-बैकुंठ धाम की अलौकिक सुंदरता देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखीं। मंदिर में पूजा दर्शन के बाद राष्ट्रपति बद्रीनाथ से श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।
इससे पहले देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से शिष्टाचार भेंट की और उनका देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया। राजभवन पहुंचने पर राष्ट्रपति ने राज्य के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) से संवाद किया। उत्तराखंड की जनजातीय समूह राजी और बुक्सा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के अंतर्गत आते हैं। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इन पीवीटीजी के सदस्यों से बातचीत की। राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातियों के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका अधिकाधिक लाभ लें जिससे उनका आर्थिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि समुदाय इसके लिए स्वंय जागरूक रहें और स्वयं भी आगे बढ़ने के प्रयास करें।
उन्होंने समुदाय के लोगों से कहा कि आप आर्थिक रूप से सशक्त होंगे तभी सामाजिक एवं शैक्षिक, रूप से भी आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति और समाज आगे बढ़ता है तो देश आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक ऐसा प्रदेश है जहां सदियों से शिक्षा में यहां के लोग बहुत आगे हैं। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यहां के जनजातीय समुदाय शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए किसी एक क्षेत्र में दक्ष होना जरूरी है। इसके लिए वह अपना कोई भी व्यवसाय चुन सकते हैं। समुदाय के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति को हस्तनिर्मित शॉल और पेंटिंग भेंट की गई।
इसके उपरांत राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राजभवन आगमन पर उनके सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रतिभाग किया। राजभवन परिसर स्थित नक्षत्र वाटिका में आयोजित इस कार्यक्रम में राजी जनजाति द्वारा अपने नृत्य प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा आईटीबीपी द्वारा भी सांस्कृतिक संध्या में कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि), कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव बृजेश कुमार संत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।