देहरादून। उत्तराखंड के अब तक के सबसे बड़े जमीनों की रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पुलिस की कार्रवाई आगे बढ़ गई है। प्रकरण में एसआईटी (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दो मुकदमों में कुल 21 आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस पूरे मामले में अभी सात मुकदमे बाकी हैं। जिनमें भी जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएंगी। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब कोर्ट में ट्रायल शुरू होगा और पुलिस के होमवर्क की परीक्षा भी होगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह के मुताबिक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व पंजाबी बाग निवासी दीपांकर मित्तल की ओर से अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े अब तक 18 आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इसमें एक आरोपित केपी (कंवर पाल) सिंह की सहारनपुर जेल में मौत हो चुकी है। दोनों प्रकरण में 21आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इसमें एक आरोपित सब रजिस्ट्रार कार्यालय का पूर्व कर्मचारी विकास पांडे के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनयम की अतिरिक्त धारा में भी चार्जशीट दाखिल की गई है। शेष सभी पर फर्जीवाड़े और जालसाजी के मुकदमे हैं।
एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद अब आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। उन्होंने कहा की जनता की संपत्ति हड़पने वाले भूमाफिया को जमीन पर लाने की तैयारी कर ली गई है। ताकि भविष्य में भूमाफिया रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा जैसा गंभीर अपराध करने का साहस नहीं कर सके।
इनके खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट
मक्खन सिंह, संतोष अग्रवाल, दीपचंद अग्रवाल, डालचंद, इमरान अहमद, अजय सिंह छेत्री, रोहताश सिंह, कमल विरमानी, कंवर पाल सिंह उर्फ केपी (मौत हो चुकी), विशाल कुमार, महेश चंद उर्फ छोटा पंडित, अजय मोहन पालीवाल, विकास पांडेय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में भी)