सूबे में 16 एआरटी क्लीनिक व 5 एआरटी बैंक पंजीकृत
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लाने के उद्देश्य से प्रदेश में एआरटी क्लिनिक व एआरटी बैंकों स्थापना को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली है। भारत सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर एआरटी चिकित्सालयों के पंजीकरण निर्गत कर दिये हैं।
प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में ए.आर.टी. क्लिनिक व बैंकों की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। कोई भी व्यक्ति राज्य में पंजीकृत एआरटी चिकित्सालयों में ए.आर.टी. एवं सरोगेसी विधि से गर्भधारण हेतु विशेषज्ञ चिकित्साकों से उपचार एवं परामर्श ले सकता है। ऐसे एआरटी सेंटर जो बिना पंजीकरण के ए.आर.टी. व सरोगेसी विधि से लोगों का उपचार कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राज्य में सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी अधिनियम-2021 व 2022 तथा सरोगेसी विनियम (अधिनियम) 2021 व 2022 के तहत लेवल-1 स्तर के दो एआरटी क्लिनिक तथा लेवल-2 स्तर के 14 एआरटी क्लिनिक व 05 एआरटी बैंकों का पंजीकरण किया गया है। इन एआरटी क्लिनिक व बैंकों में गर्भधारण से संबंधित समस्याओं को नई तकनीकियों के माध्यम से दूर किया जा सकेगा।
प्रदेश में लेवल-02 के अंतर्गत एआरटी क्लिनिक में आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश, काला फर्टिलिटी एंड लेप्रोस्कोपी सेंटर देहरादून, रेवती नर्सिंग होम देहरादून, केयर आईवीएफ यूनिट देहरादून, इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल प्रा.लि. देहरादून, श्रीमहंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर देहरादून, सुरभि हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर ऊधमसिंह नगर, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर ऊधमसिंह नगर, द मेडिसिटी ऊधमसिंह नगर, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक ऊधमसिंह नगर, जेनेसिस आईवीएफ देहरादून, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी देहरादून, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर हरिद्वार, आशीर्वाद हेल्थकेयर एंड फर्टिलिटी सेंटर हरिद्वार पंजीकृत हैं। लेवल-1 के तहत एआरटी क्लिनिक में लूथरा मेटरनिटी एंड इनफर्टिलिटी सेंटर देहरादून व सिनर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस देहरादून शामिल है।
इसी प्रकार प्रदेश में एआरटी बैंकों के लिये आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश, इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल प्रा.ली. देहरादून, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर ऊधमसिंह नगर, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक ऊधमसिंह नगर, जेनेसिस आईवीएफ देहरादून का पंजीकरण किया गया है। प्रदेश में इन सभी एआरटी क्लिनिक एवं बैंकों के संचालन से गर्भधारण से जुडी समस्याओं का निदान आधुनिक तकनीकों के माध्यम से किया जा सकेगा। इसके अलावा चिकित्सालयों द्वारा लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के साथ-साथ शिकायतों का भी निवारण किया जायेगा। राज्य के अंतर्गत गैर पंजीकृत ऐसे चिकित्सालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी जो एआरटी एवं सरोगेसी विधि से लोगों का उपचार अवैध रूप से कर रहे हैं।