लोकसभा सांसदों के मुकाबले राज्य सभा सांसद खर्च नहीं कर रहे सांसद निधि
देहरादून। लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए दी जाने वाली सांसद निधि खर्च करने में सांसद ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में छह माह से भी कम का समय बचा है लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता को उपलब्ध जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के सांसदों ने कुल सांसद निधि का 74 फीसदी से ज्यादा राशि अभी तक खर्च नहीं की है। इसमें लोकसभा सांसदों के मुकाबले राज्यसभा सांसदों को मिलने वाली राशि ज्यादा शेष है।
उत्तराखंड के सांसदों की 74.12 प्रतिशत यानि कुल 95.65 करोड़ की सांसद निधि खर्च होनी बाकी है। जबकि लोकसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने में कुछ महीने ही बचे हैं। केन्द्रीय मंत्री तथा नैनीताल सांसद अजय भट्ट की 61.31 प्रतिशत (10.6 करोड़) तथा पूर्व मुख्यमंत्री तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की 78.65 प्रतिशत (13.63 करोड़) की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उत्तराखंड के ग्राम विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी जिसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/उपायुक्त (प्रशासन) सुधा तोमर द्वारा जुलाई 2023 के अंत तक की उत्तराखंड के लोक सभा तथा राज्य सभा सांसदों को सांसद निधि खर्च का विवरण दिया है।
नदीम के सूचना अधिकार प्रार्थना पत्र के उत्तर में भारत सरकार के सांसद निधि जारी करने वाले नोडल मंत्रालय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के लोक सूचना अधिकारी से सांसद निधि जारी करने सम्बन्धी विवरण एम पी लैडस वेबसाइट पर उपलब्ध होना सूचित किया है। बेवसाइट से 12 अक्तूबर 23 को उपलब्ध सूचना डाउन लोड करने पर उत्तराखंड के वर्तमान सांसदों की 77 करोड़ की सांसद निधि जारी न होने का खुलासा हुआ है।
उत्तराखंड के वर्तमान 5 लोक सभा सांसद कुल 85 करोड़ की सांसद निधि प्राप्त करने के पात्र हैं लेकिन उन्हें पिछली सांसद निधि किस्त के खर्च सम्बन्धी प्रमाण, आडिट रिपोर्ट आदि प्राप्त न होने के कारण 45 करोड़ की सांसद निधि 12 अक्तूबर 23 तक जारी ही नहीं हुई है जबकि भारत सरकार से प्राप्त 40 करोड़ की सांसद निधि में (कुल 42.15 करोड़) 2.15 करोड़ का ब्याज जोड़कर की सांसद निधि में से जुलाई 2023 तक 11.45 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी। इसमें यदि जारी न होने वाली राशि को जोड़ दें तो कुल 56.45 करोड़ की सांसद निधि (64.77 प्रतिशत) खर्च होना शेष है।
उत्तराखंड के राज्यसभा के वर्तमान 3 सांसदों के 12 अक्तूबर 23 तक 41.5 करोड़ की सांसद निधि प्राप्त करने पात्र हैं लेकिन उन्हें 32 करोड़ की सांसद निधि जारी नहीं हुई है। जबकि भारत सरकार से प्राप्त 9.5 करोड़ की सांसद निधि में (0.4 करोड़ का ब्याज जोड़कर) कुल उपलब्ध 9.9 करोड़ की सांसद निधि मिलनी है। जिसमें से 7.2 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी है। यदि इसमें जारी न होने वाली राशि को जोड़ दे तो कुल 39.2 करोड़ की सांसद (93.56 प्रतिशत) खर्च होनी शेष है।
12 अक्तूबर 23 तक लोक सभा सांसद 17-17 करोड़ रूपये की सांसद निधि भारत सरकार से प्राप्त करने के पात्र है। इनमें हरिद्वार सांसद डा0 रमेश पोखरियाल, नैनीताल सांसद अजय भट्ट तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत को 7-7 करोड़ तथा अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा तथा टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी को 9.5-9.5 करोड़ की सांसद निधि 12 अक्तूबर 23 तक जारी हुई है। जबकि अभी इन सांसदों की क्रमशः 10 करोड़ तथा 7.5 करोड़ की सांसद निधि जारी होने को शेष है।
हरिद्वार सांसद पूर्व केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डा0 रमेश पोखरियाल की कुल जारी ब्याज सहित 17.38 करोड़ में से जुलाई 2023 के विवरणानुसार 72.21 प्रतिशत सांसद निधि खर्च होनी शेष है। अब तक उनकी निधि में से 4.83 करोड़ खर्च हुई है।
नैनीताल सांसद तथा केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट की 17.29 करोड़ की सांसद निधि में 6.69 करोड़ खर्च हुए। जबकि 10.6 करोड, ( 61.31 प्रतिशत) शेष है। पूर्व मुख्यमंत्री तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की कुल 17.33 करोड़ की सांसद निधि में से 3.7 करोड़ खर्च हुए। जबकि 13.63 करोड़, (78.65 प्रतिशत) सांसद निधि खर्च होने को शेष है।
अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की कुल 17.08 करोड़ की सांसद निधि में से 7.84 करोड़ खर्च हुए। जबकि 9.24 करोड़ (54.10 प्रतिशत) खर्च होनी शेष है। टिहरी सांसद श्रीमति माला राज लक्ष्मी की 18.07 करोड़ की सांसद निधि में से मात्र 7.64 करोड़ खर्च हुए। जबकि 10.43 करोड़ (57.72 प्रतिशत) सांसद निधि खर्च होनी बाकी है।
राज्य सभा सांसद डा कल्पना सैनी की कुल 7.5 करोड़ सासंद निधि में केवल 0.05 करोड़ खर्च हुए। जबकि उनकी 7.45 करोड़, (99.33 प्रतिशत) खर्च होनी बाकी है। सांसद अनिल बलूनी की 22.4 करोड़ में से 1.95 करोड़ खर्च हुई। उनकी कुल सांसद निदि 20.45 करोड़, (91.29 प्रतिशत) राशि खर्च होनी शेष है। सांसद नरेश बंसल की निधि 12 करोड़ में से 0.7 करोड़ खर्च हुए। उनकी 11.3 करोड़, (94.17 प्रतिशत) सांसद निधि खर्च होनी शेष है।